वॉशिंगटन: तिब्बती बौद्धिस्ट धर्मगुरू दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन कुछ दिनों में होना है. इस मसले पर चीन और अमेरिका आमने-सामने आ गये हैं. दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मसले पर दोनों देशों में पैदा हुई खटास को साफ महसूस किया जा सकता है. दरअसल, चीन का कहना है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होना चाहिए, ये तय करने का अधिकार चीन को है क्योंकि तिब्बत उसका हिस्सा है लेकिन अमेरिका इससे इत्तेफाक नहीं रखता.
जानिए अमेरिका ने इस पर क्या कहा
अब इस मसले पर अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों के अमेरिकी राजदूत सैम ब्राउनबैक का बयान सामने आया है. एक कार्यक्रम के दौरान सैम ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी का निर्धारण करने का अधिकार चीन की सरकार के पास नहीं है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इसका निर्धारण तिब्बती बौद्धों द्वारा किया जाना चाहिए.
'संयुक्त राष्ट्र को इस पर बोलना चाहिए'
सैम ब्राउनबैक ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र को इस मसले को तत्परता से उठाये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं सहित विश्व भर की अलग-अलग सरकारों को भी इस मसले पर बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूरोपिय देशों की जो भी सरकार धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के बारे में परवाह करती है उन्हें इस विषय को उठाना चाहिए.
'आंतरिक मामलों में दखल दे रहा चीन'
वहीं चीन का कहना है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन के मसले पर अमेरिका या किसी भी अन्य देश का हस्तक्षेप, चीन के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप माना जाएगा. चीन का मानना है कि किसी को भी चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.