विशेष आलेख
वरिष्ठ रचनाकार अरुण शीतांश समकालीन कविता के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं. इनके अब तक तीन कविता संग्रह-‘एक ऐसी दुनिया की तलाश में’, ‘हर मिनट एक घटना है’, ‘पत्थरबाज’ प्रकाशित हो चुके हैं. साथ ही आलोचना की पुस्तक ‘शब्द साक्षी हैं’ चर्चा में रही है.

झाड़ में छुपे दोनों भाई देख रहे थे कि घोषा ने कड़क कर गोकर्ण को बुलाया- ‘कौन हो तुम और मेरे एकांत साधना स्थल पर क्या कर रहे हो?’- भयातुर गोकर्ण ने सबकुछ उगल दिया. घोषा घोर आश्चर्य और जुगुप्सा में आवृत्त हो गयी आकंठ.