भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 15 जुलाई, 2019 की सुबह 2:51 पर 'चंद्रयान 2' (Chandrayaan 2) लॉन्च करने जा रहा है. चंद्रमा के लिए भारत का यह दूसरा मिशन श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा.
लॉन्चिंग के कई हफ्तों बाद यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करेगा. यह वह हिस्सा है, जहां आज तक दुनिया का कोई अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है.
चंद्रयान 2 को GSLV Mk III के जरिये अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. लगभग एक हजार करोड़ रुपये की लागत वाला चंद्रयान 2, इसरो का अब तक का सबसे मुश्किल मिशन है.
लॉन्चिंग के बाद अगले 16 दिनों में चंद्रयान-2 पृथ्वी के चारों तरफ 5 बार कक्षा बदलेगा. लॉन्चिंग के 53 से 54 दिन बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग होगी और अगले 14 दिन तक यह डेटा जुटाएगा.
चंद्रयान छह या सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के पास लैंड करेगा. ऐसा होते ही भारत चांद की सतह पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा.
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 चंद्रमा की चट्टानों को देख कर उनमें मैग्निशियम, कैल्शियम और लोहे जैसे खनिज को खोजेगा. इसके साथ ही, वहां पानी होने के संकेतों की भी तलाश होगी और चांद की बाहरी परत की भी जांच की जाएगी.
अगर चंद्रयान-2 से चांद पर बर्फ की खोज हो पाती है, तो भविष्य में यहां इंसानों का रहना संभव हो सकेगा. इससे यहां शोधकार्य के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान में भी नयी खोजों का रास्ता खुलेगा.
3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 बेहद खास उपग्रह इसलिए है क्योंकि इसमें एक ऑर्बिटर है, एक 'विक्रम' नाम का लैंडर है और एक 'प्रज्ञान' नाम का रोवर है.
आपको बता दें कि 10 साल में दूसरी बार भारत चांद पर मिशन के लिए तैयार है. इससे पहले चंद्रयान-1 2009 में भेजा गया था. हालांकि उसमें रोवर शामिल नहीं था. चंद्रयान-1 में केवल एक ऑर्बिटर और इंपैक्टर था.
इसरो ने हाल ही में चंद्रयान-2 मिशन की कई तस्वीरें जारी की हैं. इस वजह से इसके बारे में उत्सुकता और रोमांच बहुत बढ़ गया है.
Chandrayaan 2 In Pics