कृष्ण प्रताप सिंह मतदाताओं का भाजपाई सत्ताधीशों को सुनाया गया यह फैसला आइने की तरह साफ है कि बड़बोलापन, सब्जबाग और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बहुत हो चुके, अब संभलो और ठीक से काम करो, वरना फूटो सरकारी बंगले से, नीचे उतरो फोकट की कार से और दफा हो जाओ. हमने एक बार तुम्हारे लिए इवीएम का बटन दबाकर हमेशा के लिए सिर पर सवार नहीं करा लिया है, न ही ‘भारत भाग्यविधाता’ बना डाला है.
अंकिता नंदासाल 2019 के बजट सत्र के समापन के साथ 16वीं लोकसभा का अवसान हो गया. पिछले पांच वर्षों के दौरान 133 ...
अनुज लुगुनबातचीत के दौरान 13 प्वॉइंट रोस्टर पर कुछ विद्यार्थी यह चिंता जाहिर कर रहे थे कि यदि नियुक्तियों में ...
तरुण विजयहमारी एक खासियत है. कोई भी बाहर का हो, अंग्रेजी बोलता हो और अगर वह सोशल मीडिया के एक हिस्से का ...
श्रीप्रकाश शर्माचीन की एक बहुत पुरानी लोक गाथा है. कहते हैं कि किसी समय वहां संयोग से तीन नेत्रहीन दोस्तों की ...